Thursday 27 December 2018

Real Horror Story In Hindi | भानगढ़ की सच्ची कहानी

Real Horror Story In Hindi | भानगढ़ की सच्ची कहानी
Real Horror Story In Hindi | भानगढ़ की सच्ची कहानी
Real Horror Story In Hindi
स्टोरी पढ़ने से पहले नीचे लाल कलर का बैल आइकन होगा उसे दबा दें धन्यवाद मैंने और मेरे दोस्त ही हेमू ने भानगढ़ की बहुत कहानियां सुनी है आप लोगों ने भी सुनी होगी भानगढ़ इंडिया की सबसे डरावनी जगहो में से एक है सुबह सूरज ढलने के बाद भानगढ़ के महल में अंदर जाना सख्त मना है कहा जाता है कि इस किले में रत्नावती राजकुमारी रहती थी जिसकी खूबसूरती की चर्चा कोसों-कोसों दूर की जाती थी किले के पास एक तांत्रिक रहता था जो राजकुमारी की खूबसूरती से उसका मनमोहित हो गया था

किसी भी हाल में किसी भी कीमत पर राजकुमारी को पाना चाहता था एक दिन राजकुमारी अपने दोस्तों के साथ इत्र खरीदने के लिए बाजार गई थी उस इत्र में तांत्रिक ने कुछ मिला दिया था जिससे राजकुमारी वह इत्र लगाते ही जिससे राजकुमारी तांत्रिक के वश में आ जाती किसी राज्य वालों को भनक लग गई और जाकर राजकुमारी रत्नावती को सब बता दिया यह सब सुनकर राजकुमारी रत्नावती ने उस इत्र को उठाकर महल के बाहर फेंक दी इतर जाकर एक पत्थर पर गिर पड़ा वह पत्थर काला पड़ गया काले जादू के कारण वह सीधे पत्थर जाकर तांत्रिक के शरीर पर गिर जाता है

तांत्रिक मर जाता है और मरते-मरते भानगढ़ को श्राप दिया भानगढ़ कभी खुशी से नहीं रह पाएगा और यहां पर जो भी आकर रहने की कोशिश करेगा वह सब के सब मारे जाएंगे उसके मरने की कुछ ही दिन बाद भानगढ़ पर मुगलों ने हमला कर दिया जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा लोग मारे गए जिसमें बच्चे और औरतें भी मारी गई और राजकुमारी रत्नावती को उन्हें के कमरे में घुस कर उनको मार दिया गया था लोग अयसा कहते है कि सूरज ढलने के बाद उनकी आत्मा अभी भी भटकती है उस महल में और जो भी इंसान उस महल में सूरज ढलने के बाद गया है

वह आज तक कभी वापस नहीं आया हमने सोचा क्या यह सब कहानियां भानगढ़ की सच है मैं और मेरा दोस्त पता करने भानगढ़ पहुंचे रात के करीब 10:00 बज रहे होंगे फिर भानगढ़ के महल में हम दोनों चोरी से घुस गए पता करने वहां पर ऐसा कुछ नहीं था बस शांति था उसके कुछ देर ही बाद मेरा दोस्त गायब हो जाता है मैं बहुत चिल्लाता हूं उसका नाम लेकर पूरे महल में ढूंढता हूं लेकिन वह कहीं नहीं मिलता मैं बहुत डर जाता हूं फिर मैं अपने से कहता हूं मुझे यहां पर आना ही नहीं चाहिए था फिर अचानक मेरा दोस्त दिखाई देता है मैं उसके पास जाता हूं

सका कंधे पर हाथ रख कर कहता हूं चल चलते हैं उसी समय मेरा दोस्त पीछे से आ जाता है और कहता है अरे भाई वहां किधर जा रहा है मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मेरा दोस्त तो यहां है लेकिन फिर यह कौन है अचानक से लाल  चुड़ैल बन जाती है मैं बहुत डर जाता हूं मेरा दोस्त भी बहुत डर जाता है हम दोनों महल से बाहर भागते हैं और उस दिन के बाद से हम भानगढ़ की कहानियों को कभी नजरअंदाज नहीं करते और ना ही हम किसी को वहां पर जाने के लिए कहते हैं यह सच्ची कहानी है अगर आपको हमारी स्टोरी अच्छी लगी हो तो नीचे लाल कलर का बेला आईकन होगा उसे दबा दें

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