Tuesday 25 December 2018

Animal Stories With a Moral | लोमड़ी की कहानी हिंदी में

Animal Stories With a Moral | लोमड़ी की कहानी हिंदी में
Animal Stories With a Moral | लोमड़ी की कहानी हिंदी में
Animal Stories With a Moral

स्टोरी पड़ने से पहले नीचे लाल कलर का बैल आइकन होगा उसे आप दबा दे धन्यवाद एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे  उस जंगल में सभी जानवर अपने आप को ताकतवर मानते थे और अपने आपको बुद्धिमान भी मानते थे इसीलिए सारे जानवर अपने में लड़ाई झगड़ा करते रहते थे 1 दिन उस जंगल में काफी दूर से एक लोमड़ी रानी आयी वह दूसरे जंगल का थी जंगल में आते ही लोमड़ी सबसे पहले हाथी से मिली हाथी नदी में पानी पी रहा था लोमड़ी रानी वहां पर जाती है तब तक हाथी बोलता है यह मेरा पानी पीने का स्थान है

तो यहां पर क्यों आ ई हो जाओ यहां से लोमड़ी रानी बोलती है यह कौन सी बात हुई पानी पीने का भी कोई किसी का स्थान होता है हाथी बोलता है ऐसी ही बात है जावो तुम यहां से वरना अच्छा नहीं होगा फिर लोमड़ी रानी बोलती है मुझे थोड़ा सा ही तो पानी पीना है पीने दीजिए ना लोमड़ी रानी बार बार बोलती है तो हाथी को बहुत जादा गुस्सा आ जाता है और गुस्से से लोमड़ी रानी की तरफ देखने लगता है लोमड़ी रानी हाथी को गुस्से में देखकर डर जाती है और वहां से धीरे धीर  निकल जाती है

लोमड़ी रानी अपने से बोलती है एक तो यह नया जंगल है ऊपर से यह गुस्से वाले हाथी से मेरी पहली मुलाकात हो गई इस जंगल में मेरा बहुत ज्यादा अच्छा स्वागत हुआ है क्या बात है लोमड़ी देखता है जंगल में कोई नयी लोमड़ी आयी है चलो थोड़ी मस्ती कर लेते हैं लोमड़ी बोलता है लगता है तुम इस जंगल में नहीं आई हो लोमड़ी रानी बोलती है हां मैं इस जंगल में आज ही आई हूं लोमड़ी बोलता है तुम इस जंगल में आ ही गई हो तो मैं तुम्हें इस जंगल का नियम बता देता हूं इस पूरे जंगल में सारे जानवरों को दिन भर में एक बार हाथी की पूंछ खिचनी होती है लोमड़ी रानी पूछती है ऐसा क्यों लोमड़ी बोलता है वह अपने पूछ से जादा काम करता है तब तक पीछे से हाथी आ रहा होता है

हाथी को देखते ही लोमड़ी तुरंत वहां से चला जाता है लोमड़ी पास के पेड़ के पास छुप जाता है और लोमड़ी खुश होने लगता है अब देखो आएगा मजा और लोमड़ी बोलता है अपने से जब हाथी की पूंछ खिचेगी  तब कितना मजा आएगा थोड़ी देर में ही हाथी लोमड़ी के पास पहुंच जाता है हाथी लोमड़ी की तरफ ना देखते हुए अपने आप से बोलता है आज तो मैं बहुत थक गया हूं थोड़ा आराम कर लेता हूं हाथी जैसे ही बोलता है लोमड़ी रानी आकर उसकी पूंछ खींचने लगती है जिसके वजह से हाथी बहुत ज्यादा गुस्सा हो जाता है हाथी चिल्लाता है और बोलता है किसकी इतनी हिम्मत हो गई जो मेरी पूछ खींचे हाथी जैसे ही नीचे देखता है वहां पर उसको लोमड़ी दिखती है लोमड़ी को देखकर हाथी बहुत गुस्से में आ जाता है और अपनी सूंड से लोमड़ी रानी को मार देता है

जिसके वजह से लोमड़ी रानी को काफी चोट लग जाती है फिर क्या सब देख कर लोमड़ी वहां पर छिपा हुआ था वह बहुत डर जाता है वहां से भाग कर लोमड़ी रानी के पास जाता है और बोलता है अरे में तो मजाक कर रहा था बोलो लोमड़ी रानी तुम्हे कुछ हुआ तो नहीं लोमड़ी ऐसा पूछता ही है तब तक जंगल के सारे जानवर वहां पर इकट्ठा हो जाते हैं लोमड़ी रानी की यह हालत देखकर जंगल के जानवर लोमड़ी से पूछते हैं यह कौन है और कहां से आई है और यहां पर क्यों पड़ी है इसे क्या हुआ है तब तक उस जगल का बंदर बोलता है यह तो पूरी तरह से घायल हो चुकी है इसकी हमें मदद करनी चाहिए सभी जानवरों की बात सुनकर लोमड़ी और हाथी दोनों बहुत डर जाते हैं लोमड़ी को अपनी मजाक का डर सताने लगता है

और हाथी अपने सूंड से मार कर उसे घायल करने के लिए उसका डर हाथी को सताने लगता है हाथी और लोमड़ी सारे जानवरों को बता कर यह हमारी दोस्त है वहां से लेकर चले जाते हैं और तालाब के किनारे दफना देते हैं लोमड़ी बोलता है हाथी से यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए वरना हमारा सच सारे जानवरों को पता चल जाएगा हाथी बोलता है हां तुम ठीक कह रहे हो धीरे धीरे लोमड़ी और हाथी लोमड़ी रानी के मारने के बारे में भूल जाते हैं और सब कुछ पहले जैसा हो जाता है एक दिन लोमड़ी तालाब के पास पानी पीने जाता है उसे महसूस होता है कि उसके पीछे कोई है लोमड़ी पूछता है यहां पर कोई है लोमड़ी के बार-बार पुकारने पर कोई सामने नहीं आता लोमड़ी तालाब का पानी पीकर वहा से चला जाता है कुछ दिनों बाद लोमड़ी का डर बढ़ जाता है रोज तालाब के पास लोमड़ी को महसूस होता है कि कोई उसके आसपास है

एक दिन जंगल में लोमड़ी घूम रहा होता है तब तक वहां पर हाथी आता है लोमड़ी पूछता है क्या हाल है हाथी फिर हाथी बोलता है मैं ठीक हूं तुम बताओ इतने उदास क्यों हो क्या बात है लोमड़ी बोलता है मैं हर रोज तालाब के पास पानी पीने जाता हूं मुझे कुछ अजीब सा महसूस होता है कुछ आवाज आती है और जब मैं बोलता हूं कौन है कौन है तब कोई सामने नहीं आता लोमड़ी बोलता है मुझे लगता है जंगल में कोई भूत आ गया है फिर हाथी बोलता है यह तुम्हारा वेहम होगा भूत जैसा कुछ नहीं होता यह बात बोलकर हाथी वहां से चला जाता है उसी रात जब हाथी घूम रहा होता है तब उसे एक परचाई दिखती है यह कौन सा जानवर है हाथी यह सोच कर फिर आवाज लगाता है

कौन है वहां पर सामने आओ हाथी के ऐसा बोलते ही परछाई वहां से तुरंत गायब हो जाती है अगले दिन हाथी लोमड़ी से इस विषय पर बात करता है जिससे दोनों बहुत डर जाते हैं लोमड़ी रानी के भूत के बारे में सोचने लगते है तभी वहां पर जंगल का राजा और कुछ जानवर पहुंचते हैं थोड़ी देर में जंगल के सारे जानवर वहां पर पहुंच जाते हैं और फिर बंदर बोलता है क्या आप सभी को पता है कि जंगल में भूत आ गया है तभी शेर राजा बोलता है भूत जैसा कुछ नहीं होता लोमड़ी बोलता है महराज मैंने भी कई दिनों से तालाब के पास पानी पीने जाता हूं तब मुझे लगता है कि मेरे पीछे कोई है तभी हाथी बोलता है महाराज रात को मैंने भी एक परछाई देखी जब मैं बोला कि कौन है

वहां पर तब परछाई गायब हो गई फिर खरगोश बोलता है हम सभी जानवर साथ में मिलकर वहा तालाब के पास जाकर देखते हैं कोन है खरगोश की बात सुनकर सभी जानवर सहमत हो जाते हैं रात को सारे जानवर एक जगह इकट्ठा होकर बातचीत सभी जानवर आपस में कर रहे थे तभी वहां पर एक परछाई दिखाई देती है शेर राजा बोलता है कौन हो तुम वहीं पर रुक जाओ शेर राजा के बोलते ही परछाई वहीं पर रुक जाती है हिरन बोलता है लगता है चोर है दूसरे जंगल से आया हुआ है हमारा खाना चुराने के लिए तभी सभी जानवर परछाई की ओर बढ़ते हैं परछाई गायब हो जाता है यह देखकर सभी जानवर आश्चर्यचकित हो जाते हैं तब तक लोमड़ी बोलती है लगता है

कोई भूत ही है इतनी जल्दी कौन गायब हो सकता है फिर तुरंत हाथी बोलता है हां लोमड़ी सही बोल रहा है हाथी बोलता है यह जरूर लोमड़ी रानी का भूत होगा तभी बंदर बोलता है हमारे जंगल में लोमड़ी रानी कहां से आ गई सारे जानवर चौक जाते हैं शेर राजा बोलता है हमारे जंगल में लोमड़ी रानी कहां से तभी हिरण बोलता है लोमड़ी और हाथी की दोस्त लोमड़ी रानी आई हुई तो थी इस जंगल में भालू बोलता है वह तो वापस चली गई थी सभी जानवर लोमड़ी और हाथी को देखने लगते हैं तभी एक धीरे से डरावनी आवाज आती है कोई नहीं बचेगा सब के सब मरेंगे हाथी बोलता है वह हमारी दोस्त नहीं थी खरगोश पूछता है फिर वह कौन थी और वह हमारे जंगल में क्या कर रही थी

लोमड़ी बोलता है नहीं नहीं यह हाथी पागल हो गया है वह हमारी दोस्त थी लोमड़ी के जैसे बोलते ही झाड़ियों के पास से एक परछाई निकलती हैं और वह परछाई बोलती है यह दोनों झूठ बोल रहे हैं मैं इस जंगल में नई आई थी लोमड़ी बहुत डर जाता है फिर पूरा सच सारे जानवरों को बता देता है लोमड़ी की बात सुनकर सारे जंगल वाले बहुत गुस्से में आ जाते हैं सारे जंगल वालों ने कहा तुम लोगों ने झूठ बोला तुम लोग ऐसा कैसे कर सकते हो तुम दोनों को सजा मिलनी चाहिए तभी शेर राजा बोलता है तुम सभी आपस में लड़ते हो झगड़ते हो मैंने बस यही सोचा था लेकिन किसी की हत्या कर दोगे यह नहीं सोचा था हाथी और लोमड़ी को जंगल से बाहर निकाल दिया जाता है और फिर लोमड़ी रानी तारा बन कर आसमान में उड़ जाती है अगर आप को कहानी अच्छी लगी हो तो नीचे लाल कलर का बेल आइकन को दबा दे धन्यवाद Animal Stories With a Moral

No comments:

Post a Comment