Tuesday 25 December 2018

Short Story Of Akbar And Birbal In Hindi | अकबर और बीरबल की कहानी

Short Story Of Akbar And Birbal In Hindi अकबर और बीरबल की कहानी
Short Story Of Akbar And Birbal In Hindi | अकबर और  बीरबल की कहानी
Short Story Of Akbar And Birbal In Hindi
स्टोरी पढ़ने से पहले नीचे लाल कलर का बैल आइकन होगा उसे दबा दें धन्यवाद दो सिपाही अपने आपस में बात कर रहे थे तभी उनकी नजर एक आदमी पर पड़ती है अरे यह कौन है इतनी सुबह वृक्ष को पानी दे रहा है दूसरा वाला सिपाही बोलता है यह मनहूस रामू है दिन भर काम करता है और फिर भी गालि सुनता है पहला सिपाही बोलता है रे भाई उस तरफ मत देखो अगर हम दोनों उसका मुंह देख लेंगे तो हम लोग भी दिनभर कालिया सुनते रहेंगे अगर रामू ईतना मनहूस है पहला वाला सिपाही बोलता है महाराज अकबर उसे निकाल क्यों नहीं देते दूसरा वाला सिपाही बोलता है

हमारे महाराज अकबर बहुत दयालु हैं वह किसी की रोजी रोटी पर लात नहीं मारते फिर दोनों आपस में बात करते हुए चले जाते हैं थोड़ी देर में महाराज की नींद टूट जाती है उन्हें बहुत प्यास लगा होता है और जोर जोर से आवाज लगाते हैं कोई है पानी लेकर आओ दोनों सिपाही महाराज की आवाज सुन लेते हैं एक बोलता है मैं किसी को पानी लेकर महाराज के कक्ष में भेजता हूं और वहां से चला जाता है महाराज चिल्लाते रहते हैं कोई है कोई है पानी लेकर आओ तब तक राम उनकी आवाज सुन लेता है वह एक गिलास में पानी लेकर महाराज अकबर के पास चला जाता है

और उनको पानी दे देता है महाराज पानी पी लेते हैं महाराज अपने मन में बोलते हैं सुबह-सुबह किस मनहूस का मुंह देख लिया फिर अचानक से महाराज के पेट में दर्द होने लगता है और वह कूद ने लगते हैं दर्द से तड़पने लगते हैं तभी वहां पर दोनों सिपाही पहुंचते हैं पानी लेकर और महाराज को देखते हैं पीड़ा में वहीं पर रामू को भी देखते हैं सिपाही दोनों रामू को वहां से भगा देते हैं महाराज इतना कूदते हैं दर्द के मारे कि उनके पैर में मोच आ जाती है सिपाही बोलता है जल्दी से कोई जायो और वैध को बुलाकर लेकर आओ और वैद्य जी आते हैं और महाराज को दवा दे देते हैं महाराज को थोड़ा आराम होता है लेकिन उनके पैर में मोच आ चुकी होती है वह चल फिर नहीं सकते तभी महारानी जी को खबर भेजा जाता है

कि सुबह-सुबह रामु का मुंह महाराज अकबर देख लिए इसीलिए उनके पेट में दर्द होने लगा महारानी तोड़ी बागी महराज के पास पहुंचती है और कहती है आज आपको आराम करना है महाराजा अकबर बोलते हैं आज सभा में बहुत काम है अगर मैं आराम करूंगा तो फिर राज्य का क्या होगा महारानी बोलती हैं अच्छा आप की जैसी मर्जी आप को जैसा अच्छा लगे फिर महराज को राज दरबार में ले जाकर बैठाया जाता है राज्य दरबार की सभा शुरू की जाती है फिर महाराज अकबर पूछते हैं सबसे पहले यह बताओ अलीपुर से जो बकरी आने वाली थी उनका क्या हुआ मंत्री बोलता है महाराज जापान के व्यापारियों ने उन बकरियों को दुगने दामों में खरीद लिया दकुवो के बारे में हमारे जासूस क्या खबर लाए हैं जासूस बोलता है खबर अच्छी नहीं है महाराज डाकू हमारे फौजियों पर हमला कर सकते हैं महाराजा अकबर पूछते हैं अली खान क्या खबर लाए हो अली खान बोलता है महाराज खबर अच्छी नहीं है

इलाहाबाद के युद्ध में हमारी फौज को हार का सामना करना पड़ा और हमारे बहुत सारे योद्धा भी मारे गए महाराज मैं आपके लिए एक बुरी खबर लाया हूं आपका पसंदीदा घोड़ा मर गया महराज ,महाराज अकबर बोलते हैं कैसा मन हुस आज का दिन है आज एक भी अच्छी खबर नहीं आई क्या यह मनहूस रामू के वजह से तो नहीं उसकी शक्ल मैंने आज सुबह देखी थी सारे दरबारी मनहूस रामू को दोष देने लगते हैं सब दरबारी कहते हैं यह सब कुछ मनहूस रामू की वजह से हो रहा है महाराज अकबर बोलते हैं मनहूस रामू को आज शाम होते ही उसे फांसी पर चढ़ा दी जाए महाराज अकबर बोलते हैं लगता है बीरबल आप हमारे फैसले से खुश नहीं लगते बीरबल हंसते हुए बोलते हैं नहीं महाराज आपका फैसला सर सराखो पर लेकिन मैं कुछ कहना चाहता हूं महाराज, महाराज बोलते हैं

जरूर कहो फिर बीरबल बोलते हैं महाराज अगर हमें बकरिया नहीं मिली इसमें रामू का क्या दोष और रही बात डाकू की तो वह महाराज हमेशा आवाज उठाते रहते हैं और रही बात महाराज इलाहाबाद की युद्ध की तो युद्ध में हार जीत तो होता ही रहता है महाराज इसमें रामू का क्या दोष रही बात घोडे की जो आपको प्रिया था उसका दुख मुझे भी है लेकिन महाराज आप यह भी तो सोचिए आप का घोड़ा काफी बूढ़ा भी हो गया था उसे भी आज नहीं तो कल मरना ही था रामू उसका कैसे कसूरवार हो सकता है

महाराज और रहा महाराज आपके पेट के दर्द बात है तो अपनी कल शाही खाने ज्यादा खाए थे इसलिए आपके पेट में दर्द होगा इसमें रामू कहां से दोषी हो सकता है महाराज लेकिन महाराज रामू के लिए आप ही सबसे बड़े मनहूस है आप को पानी पिलाने के चक्कर में अपनी जान से हाथ धो बैठा महाराजा अकबर बोलते हैं बीरबल तुमने तो मेरी आंखें खोल दी रामू का फांसी देना कैंसिल किया जाता है और बीरबल एक बेगुनाह की अपनी जान बचा ली और मुझे एक बुरा काम करने से धन्यवाद बीरबल अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो नीचे दिए गए लाल बैल आइकन को दबा दें Short Story Of Akbar And Birbal In Hindi

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