Saturday 1 June 2019

New Hindi Story With Moral | जादुई झोपडी की कहानी

New Hindi Story With Moral | जादुई झोपडी की कहानी 

New Hindi Story With Moral
New Hindi Story With Moral

New Hindi Story With Moral एक छोटे से गांव में एक लकड़हारा अपने परिवार के साथ रहता था वह बहुत गरीब था उसका घर बहुत पुराना और टूटा-फूटा सा था वह अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए जंगल से लकड़ियां काट कर उसे बजार में ले जाकर बेच दिया करता था लेकिन इसे भी उसका गुजारा बहुत मुश्किल से हो पता था 

एक समय की बात है जब लकड़हारे के घर में खाने के लिए कुछ नहीं था लकड़हारेे के बच्चे भूख से बेहाल थे और रो रहे थे यह सब देख कर लकड़हारेे की पत्नी ने कहा बच्चे काफी समय से भूखे हैं इसीलिए रो रहे हैं हमें कुछ खाने का बंदोबस्त करना होगा लकड़हारा अपनी पति से बोलता है ठीक है मैं जंगल से लकड़ियां काटकर बाजार में बेचकर उन पैसों से कुछ खाने के लिए ले कर आता हूं 

फिर उसके बाद लकड़हारा अपनी कुल्हाड़ी लेकर जंगल की ओर निकल पड़ा लकड़हारा जंगल में पहुंच कर बहुत ढूंढने पर उसे एक सूखा पेड़ दिखाई दिया उसकी  टेहलीयो को काटकर उसने पास के ही बाजार में एक सब्जी वाले को सारी लकड़ियां बेच दिया उससे जो पैसे मिले लकड़हारेे ने खाना खरीद कर अपने घर की तरफ चल पड़ा रास्ते में चलते चलते वह एक झोपड़ी से गुजर रहा था 

तभी लकड़हारेे को एक बच्चे की रोने की आवाज आई लकड़हारा वहीं पर रुक करसुनने लगा यह रोने की आवाज कहां से आ रही है तभी उसे एक सामने झोपड़ी दिखाई देती है लकडहारे को रहा नहीं जाता और वह झोपड़ी के अंदर चला जाता है वहां एक बच्चा बैठकर रो रहा था और उस झोपड़ी में कोई नहीं था लकड़हारा उस बच्चे के पास जाकर पूछ बेटा तुम क्यों रो रहे हो फिर बच्चे ने रोते रोते हुए कहा मुझे बहुत भूख लगी है लकड़हारे को उस बच्चे पर दया आ गई 

और उसने अपने पास का खाना उस बच्चे को दे दिया खाना खाकर बच्चा चुप हो गया लकड़हारा उस झोपड़ी से बाहर निकलकर जाने लगा तभी पीछे से झोपड़ी बोलता है सुनो बेटा मैं तुम्हारे दया और तुम्हारे सोच से बहुत प्रसन्न हुआ हूं तुम्हें मैं कुछ देना चाहता हूं बोलो तुम क्या चाहिए फिर लकड़हारा बोलता है मेरे घर में मेरे बच्चे कई दिनों से भूखे हैं New Hindi Story With Moral

अगर कुछ खाने के लिए मिल जाता तो बहुत अच्छा होता फिर जादुई झोपड़ी बोलता है आज के बाद से तुम्हारे घर में हमेशा खाने से समान भरा रहेगा फिर लकड़हारा झोपड़ी को धन्यवाद बोलकर खुशी खुशी अपने घर चल पड़ा जब लकड़हारा अपने घर पहुंचा तो उसने देखा कि उसके बच्चे खाना खा रहे हैं यह सब देख कर लकड़हारा बहुत खुश होता है दोस्तों हमें यह कहानी से यह सीख मिलती है हमें दूसरों की हमेशा मदद करनी चाहिए भगवान अल्लाह वाहेगुरु जीजस यह सब भगवान एक है और हमें देख रही हम जैसा करेंगे हमें वैसा मिलेगा  New Hindi Story With Moral

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