Saturday 6 July 2019

Good Moral Stories | इमानदार इडली वाली

Good Moral Stories | इमानदार इडली वाली 

Good Moral Stories | इमानदार इडली वाली
Good Moral Stories  

Good Moral Stories | इमानदार इडली वाली एक बार की बात है एक गांव में 4 दोस्त रहा करते थे एक का नाम रामू था दूसरे का नाम श्यामू था तीसरे का नाम हेमू था और चौथे का नाम जीतू था यह चारों ही बहुत ही अच्छे मित्र थे पर इनकी एक हरकतों से उनके परिवार वाले बहुत ही नाराज रहा करते थे इनसे क्यों कि यह जब पढ़ने जाते थे तब कोई नई फिल्म की पोस्टर देखकर उस फिल्म को देखने चले जाते थे एक बार क्या हुआ कि यह चारों मिलकर स्कूल गए और इनका एग्जाम चल रहा था पेपर हिंदी का था 

और टीचर पर निबंध आया था चारों एक ही पास बैठे थे चारों ने मिलकर पिछले दिन की मूवी देखी हुई कहानी लिखदी जैसे ही हम चारों मिलकर पेपर जमा करने गए सभी टीचर ने उनकी परीक्षा पेपर को पलट के देखा तो इसमें सिर्फ फिल्मों की कहानियां लिखी हुई थी तभी जैसे ही टीचरों ने चारों को पकड़ने की कोशिश की चारों भाग निकले भागकर गए एक इडली वाली की दुकान पर बैठकर खाने लगे 

सब ने एक-एक के इडलीया खाएं और जब सभी ने अपना अपना जेब चेक किया तो किसी के पास एक भी रुपए नहीं थे फिर चारों ने मिलकर एक तरकीब निकाली वहां से जल्दी से भागने की क्योंकि इडली वाली बेचारी बूढ़ी थी उनको पकड़ नहीं पाती जैसे ही वह उठकर भागे तीन तो भाग गए पर जो चौथा था हेमू इडली वाली बुढ़िया मां के पास ही बैठा था तभी बूढ़ी मां ने उसका हाथ पकड़ लिया Good Moral Stories

और पूछा बेटा पैसा नहीं है क्या भाग क्यों रहे हो तभी हेमू बोला बूढ़ी मां मेरे पास तो पैसे नहीं है मुझे पता नहीं था कि उनके पास भी पैसा नहीं है या मुझे बुला कर लाए और मैं चला आया तभी बूढ़ी मां ने बेचारे पर तरस खाकर उसे दो और इडलिया खिला दी खाने के बाद हेमू ने बोला बूढ़ी अम्मा मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा बूढ़ीया मां ने बोला बेटा कोई बात नहीं मुझे छोटे बच्चे अच्छे लगते हैं Good Moral Stories

कि हर बात को ध्यान में रखते हुए हैं वो अपने घर गया और मन लगाकर पढ़ाई करने लगा फिर 10 साल बाद जब हेमू बड़ा इंजीनियर बन कर आया अपने गांव वापस आया तो उसी रास्ते से गुजर रहा था तभी उसकी नजर उस बुढ़िया मां पर पड़ी अपने ड्राइवर को तुरंत बोला गाड़ी रोकने को कहा और तुरंत गाड़ी से उतरा और बूढ़ी मां के पास गया और उनके हाथों से बनी हुई चार इडली खाके और 5000 हजार रुपे निकालकर बूढ़ी मां के हाथ में दीया यह देखकर बूढ़ी मां डर गई यह कौन है 

और मुझे इतने पैसे क्यों दे रहा है तभी हेमू ने बोला बूढ़ी मां तुम मुझे भूल गई मैं वही बच्चा हूं जिसे तुम फ्री में तीन इडलिया खिलाई थी यह देखकर बुढ़िया मां के आंखों में आंसू आ गए और वह बोली तुम जैसे बच्चों को और आगे तक जाना चाहिए जो किसी के भी एहसान को याद रखते हैं फिर हम उन्हें उस बुढ़िया मां को भी अपने अनाथ आश्रम में हेड इंचार्ज का नौकरी लगा दिया और वह बढ़िया मां उन बच्चों की अच्छे से देखभाल करने लगी और उस बुढ़िया मां की और हेमू की दोनों की जिंदगी हंसी खुशी हो गई

3 comments: